गोबर गोमूत्र से

रोजगार, गोशाला स्वावलम्बन एवं गोरक्षा

गोशालाओं में गोबर-गोमूत्र का सदुपयोग होना चाहिए ये सभी चाहते हैं परन्तु ऐसे लोग नहीं मिलते जो इस काम को कर सके। इसी समस्या को दूर करने के लिए और ऐसे विशेषज्ञ-प्रशिक्षक तैयार करने के लिए गोसेवा परिवार द्वारा विशेष प्रशिक्षण शिविरों का (निःशुल्क) आयोजन किया जा रहा है। जिसके सफल परिणाम मिल रहे हैं। गोशालाओं का आर्थिक बोझ घट रहा है।  

जहाँ गोशालाएं, प्रशिक्षक को आवास एवं भोजन के साथ न्यूनतम 15000/- मानधन देगी वहीँ प्रशिक्षक का दायित्व होगा कि वो गोशाला का गोबर-गोमूत्र का सदुपयोग कर गोशाला को आत्मनिर्भर बनाये। साथ ही आस-पास के गांव के किसानों को भी गोबर-गोमूत्र के उपयोग का प्रशिक्षण देंगे जिससे किसान गोशाला से बिना दूध का गोवंश अपने घर ले जाकर पालन करे।

प्रशिक्षण शिविर तीन माह का है। प्रशिक्षण का उद्देश्य एवं पाठ्यक्रम विस्तार से आगे दिया हुआ है। प्रशिक्षण शिविर पूर्णतः निःशुल्क है। सफलता पूर्वक प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के समय तीन माह 5000/-  मानदेय दिया जायेगा पश्चात् गौशालाओं में सेवा देने का अवसर मिलेगा। प्रशिक्षण केंद्र चाकुलिया (झारखण्ड) में है। आगामी प्रशिक्षण शिविर का दिनांक यहीं सूचित किया जायेगा। इसके लिए समय समय पर वेबसाइट देखते रहें।

आवेदक की आयु 30 से 45 वर्ष तक होनी चाहिए। पूर्ण रूप से स्वस्थ होने चाहिए। गोवंश एवं गोबर गोमूत्र के प्रति भक्ति और प्रेम होना चाहिए। देश की किसी भी गोशाला में रहने को तैयार होना चाहिए। प्रशिक्षण हिंदी में दिया जायेगा इसलिए हिंदी आना आवश्यक है।

जो गोभक्त गोबर-गोमूत्र के प्रशिक्षक बन गोशालाओं में सेवा देना चाहते हैं वे

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जो गोशालाएं ऐसे विशेषज्ञ-प्रशिक्षक नियुक्त करना चाहते हैं वे

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अधिक जानकारी के लिए संपर्क करे : ललित अग्रवाल 9331027471